Police officer Gopinath Singh Story - पुलिस ऑफिसर गोपीनाथ सिंह की कहानी

Police officer Gopinath Singh Story
पुलिस ऑफिसर गोपीनाथ सिंह की कहानी 

यह बात है साल 1960 की भारत के रामपुर शहर के पुलिस अधिकारी गोपीनाथ सिंह की जब भारत देश को आजाद हुए कुछ ही साल हुए थे 1960 के उस दौर में जुर्म करना लोगो के लिए आम बात हो गई थी रास्तों पर लूटपाट घरों में चोरी और दिन दहाड़े कतल की वारदात होती रहती थी।


लोग शाम के बाद घरों से बाहर नहीं जाते थे  दिन में भी अकेले नहीं रहते थे ना अकेले कही जाते थे रामपुर शहर में पूरा गुंडा राज चल रहा था वहा भारत का कोई कानून नहीं चलता था वहा जुर्म पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं था ना कोई नेता ना कोई मंत्री ना किसी को पुलिस का डर था वहा सब रामपुर के गुंडों से डरते थे।


पूरे रामपुर में गुंडा राज चलता था वहा जिस गुंडे का राज चलता था उकसा नाम बिल्ला था। बिल्ला 45 कतल कर चुका था 18 साल की उमर से बिल्ला जुर्म की दुनिया का बादशाह बना हुए था सारे रामपुर शहर मे चोरी लूटपाट डकैती कराने का काम बिल्ला करवाता था। कितने पुलिस ऑफिसर आए कितने गए कोई फरक नही पडा  पिछले कई सालों से रामपुर में गुंडा राज चलता रहा है।


वहा के कानून मंत्री ने कई पुलिस अधिकारी रामपुर शहर भेजे लेकिन कोई फायदा नही हुया सरकार भी रामपुर शहर को लेकर बहुत चिंता में पड़ी रहती थी वहा पर गुंडा राज होने की वजह से सरकार को काफी नुकसान होता था क्यों कि रामपुर शहर है वो समुंद्र तट के नजदीक स्थित है और वहा पर देश के लिए सरकार को जरूरी सामान लाने जाने में दिक्कत होती है।


"कोयला, तेल आदि जो भी समान रामपुर से निकलता बिल्ला उस पर कब्जा करवा लेता या उसमे से तेल और कोयला आदि चुरा लिया करता सब बहुत चिंता में होते है की रामपुर शहर को आखिर कैसे बचाया जाए।


तब बहुत सोच विचार के बाद सरकार एक पुलिस अधिकारियों की मीटिंग बुलाती है जिसमे एक ईमानदार और निडर अफसर गोपीनाथ सिंह को चुना जाता है रामपुर शहर के लिए
4 जनवरी साल 1962 को गोपीनाथ सिंह रामपुर शहर में अपना पहला कदम रखते है और शहर की जनता गोपीनाथ सिंह को भी बाकी आए पुलिस अधिकारियों की तरह समझती है और चुप चाप रहती है की इतने पुलिस अधिकारी आए और बिल्ला का कुछ नहीं बिगाड़ पाए तो यह गोपीनाथ सिंह क्या कर पाए गा।


एक हफ्ता बीत गया गोपीनाथ सिंह ने एक हफ्ते मे पूरे रामपुर शहर की वारदातो को सुना देखा लोगो से बात करी और बिल्ला के पास भी खबर पहुंच गई थी की शहर में आया नया पुलिस अधिकारी रामपुर में गैर कानूनी कामों को बंद कर शहर में तरक्की और खुशहाली लाना चाहता है।


सोमवार का दिन था गोपीनाथ सुबह 8 बजे नाश्ता करके पुलीस स्टेशन जा रहे होते है की उन्हे खबर मिलती है की शहर के कपड़े के कारखाने में आग लग गई है गोपिनाथ सीधा वही पहुंचते है जाकर उन्हें पता लगता है कि यह कारखाना तो बिल्ला का है वो यह देख कर सोचने लगते है की इतना बुरा आदमी गैर कानूनी काम कराने वाला इसका कपड़े का कारखाना कैसे हो सकता है।


उनके मन में यह बात खटकने लगी वहा के लोगो ने और पुलीस ने मिल के आग बुझाई और मामला शांत हुया और गोपीनाथ पुलीस स्टेशन आ गए फिर उसी दिन गोपीनाथ रात में करीब 11 बजे अकेले बिल्ला के कारखाने जाते है रात के अंधेरे में वो पीछे के रास्ते से जाते है और खिड़की के पास जाकर देखते हैं की कारखाने में तो बिल्ला के आदमी हैं वो खिड़की से अंदर जाते है और देखते हैं की वहा तो शराब बन रही हैं।


फिर वो समझ जाते है की बिल्ला ने तो कपड़े के कारखाने के नाम पे गैर कानूनी शराब की फैक्ट्री खोल रखी है बस यही से वो बिल्ला को जेल भेजने का प्लान बनाते हैं यह सब देख कर वो वापिस घर चले जाते हैं।


अगले दिन वो बड़े सरकारी अफसर को यह सब बताते हैं और बिल्ला को जेल भेजने का काम शुरू करने पे बात करते है ठीक चार दिन बाद गोपीनाथ पुलीस फोर्स लेकर बिल्ला की कपड़े के कारखाने में छापा मारते हैं और कपड़े के कारखाने के पीछे शराब की फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हैं।


बिल्ला ने शराब फैक्ट्री का काम रंगा के हाथ सोपा हुया था और पुलीस उसे मौके पे गिरफ्तार कर लेती है और कारखाना सील कर देती है यह खबर बिल्ला को मिलती है और उसके पैरो तले जमीन खिसक जाती है की इतने सालो में यह कैसे हुआ बिल्ला परेशान हो जाता है।


उसका शराब का धंधा पूरी तरह से बंद हो गया
अब रंगा को पुलीस स्टेशन में लेजाकर पूछताछ की जाती है लेकिन वो मुंह नही खोलता पुलीस अपने तरीके से पता लगाती है और रंगा डर से सब कुछ बता देता है सबसे बड़ी बात पता चलती है की रामपुर का बड़ा मंत्री बिल्ला से मिला हुआ है और उसके सारे गैर कानूनी काम में साथ देता है।


बिल्ला की शराब की फैक्ट्री पकड़वाने से गोपीनाथ सिंह लोगो की चर्चा में आने लगे देखते ही देखते गोपीनाथ ने और कई गुंडे पकड़े गोपीनाथ को सरकार से खुली पावर मिली हुई थी जिस वजह से रामपुर का मंत्री बिल्ला की मदद नहीं कर पा रहा था जिस वजह से बिल्ला फरार हो जाता हैं उधर एक एक करके बिल्ला के आदमियों को पुलिस पकड़ रही थी तो दूसरी ओर रामपुर में शराब का धंधा बंद चोरी चकारी बंद लूट पाट बंद और कतल की वारदात भी बंद होने लगी रामपुर शहर में शांति आने लगी।


पूरे रामपुर में गोपीनाथ सिंह की ही बाते हो रही थी गोपीनाथ सिंह के कारनामों के ही चर्चे थे बिल्ला पूरी तरह से घबरा गया और गोपीनाथ सिंह के बारे मे ही सोचने लगा बिल्ला का सारा गैर कानूनी काम बंद हो गया सरकार का भी सारा जरूरी काम होने लगा।


अब बस कोई चीज रहती थी तो वो था बिल्ला का अरेस्ट होना लेकिन बिल्ला कहा छुप कर बैठा था कोई नही जानता
ऐसे ही दिन बीतते गए सब कुछ बढ़िया चल रहा था गोपीनाथ भगवान शिव का भक्त था और रोज मंदिर जाता था ऐसे ही एक दिन जाते जाते बीच जंगल में गोपीनाथ की गाड़ी जंगल में खराब हो गई अब गाड़ी ठीक करने वाला कोई मैकेनिक भी नही था।


आसपास तो गोपीनाथ सिंह ने सोचा कि पैदल चल कर जाता हु और बाद में गाड़ी ठीक करवा लूंगा जाते जाते रास्ते में उसकी नजर जंगल में एक झोपड़ी पे पड़ी उसको शक हुआ और देखा की बिल्ला वहा छुप कर बैठा है गोपीनाथ ने बिल्ला को पकड़ा और पुलिस स्टेशन ले गया और जेल में बंद किया।


गोपीनाथ ने बिल्ला को कहा देख बिल्ला आज तेरी क्या हालत हो गई है कभी तेरा इस रामपुर में सिक्का चलता था और आज तुझे पूछने वाला कोई नहीं बिल्ला शर्मिंदा हो जाता हैं और माफी मांगने लगता है।


गोपीनाथ ने कहा अब कोई फायदा नही तेरा हिसाब अब कानून करेगा बिल्ला को सजा हो जाती है रामपुर अब तरक्की कर रहा था शहर खुशहाल हो गयाबुरे काम का नतीजा बुरा ही होता है।

तो यह थी कहानी ईमानदार अफसर पुलीस अधिकारी गोपीनाथ की उम्मीद है आपको यह कहानी अच्छी लगीं होगी अगर अच्छी लगे तो आपने दोस्तो के साथ शेयर करें और हमारी वेबसाइट को फ़ॉलो करें  





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