क्या सनातन हिन्दू धर्म में अंडा मांसाहारी है जी हां सनातन हिन्दू धर्म में अंडा मांसाहारी है सनातन हिन्दू धर्म के अनुसार अंडा मांसाहारी ही होता है।
अंडा मांसाहारी कैसे है
अंडे के अंदर एक अंजन्मे जीव का जीवन होता है धीरे धीरे उसी अंडे से एक बच्चा जन्म लेता है अंडे में ही उस जीव की आंखे बनेगी उसका दिल बनेगा उसका हर एक अंग बनेगा और इन सबसे मास बनेगा तो कैसे कह सकते है की अंडा मांसाहारी नहीं है अंडा मांसाहारी ही है
अगर कोई इंसान उस अंडे को ना छेड़े अंडा ना खाएं तो अंडे में जीवन तो उत्पन होना ही है और जब कोई उस अंडे को खा लेता है तो वो एक तरह से पैदा होने वाले बच्चे को ही खा लेता है इसलिए सनातन हिन्दू धर्म में अंडा मांसाहारी है।
सनातन हिन्दू धर्म अंडा खाने के बारे में क्या कहता है?
सनातन हिन्दू धर्म के के लोगों को अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए सनातन हिन्दू धर्म के ग्रंथो में बताया गया है की किसी भी पशु ,पक्षी, जीव जंतु की हत्या करना पाप है और अपनी जीभ के स्वाद के लिए अपनी भूख मिटाने के लिए किसी जीव की हत्या करना उससे भी बड़ा पाप है इसलिए हमे अंडा नहीं खाना चाहिए।
अंडा खाना चाहिए या नहीं?
अंडा खाने में सब लोगो की अपनी अपनी राय है मांसाहारी तो अंडे में प्रोटीन है सेहत के लिए अच्छा है आदि बोल के खाते हैं और शाकाहारी इसको धार्मिक नज़रिए से देखते हुए नहीं खाते हैं। अब अंडे खाने है या नहीं यह आपकी अपनी मर्जी है आज के समय मे बहुत लोग मांस मीट खाते हैं लेकिन सनातन हिन्दू धर्म अंडा खाने को सख्त मना करता है।
अंडे में होता क्या है और वैज्ञानिकों का इस बारे में क्या कहना है
अंडे में तीन परते होती है। सबसे पहली परत में सफेद रंग का छिलका होता है, दूसरी परत में सफेदी होती है और तीसरी परत में अंडे की पीले रंग की जर्दी होती है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अंडे दो तरह के होते हैं एक जिससे बच्चे निकलते है और दूसरे वो जिससे बच्चे नहीं निकलते।
वैज्ञानिकों का कहना है कि एक तरह के अंडे वो होते हैं जो मुर्गा और मुर्गी के संपर्क में आने से बनते है जिसमें से चूजे निकले है और एक तरह के अंडे वो होते है जो मुर्गी बिना मुर्गे के संपर्क में आए देती है जिससे चूजे नहीं निकलते और वो अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक साइंस रिसर्च में पाया गया है की जो अंडे अनफर्टिलाइज्ड होते हैं उनकी सफेद वाली परत में प्रोटीन, एसेंशियल अमीनो एसिड और विटामिन होते हैं और पीले जर्दी वाली परत में कोलेस्ट्रोल और फैट होता है जिसमे किसी भी जानवर का हिस्सा नहीं होता और वो इसको शाकाहारी मानते हैं।
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