यह कहानी है सीतापुर गांव के गोपी नाम के लड़के की इस कहानी में आप देखिए कैसे एक गरीब घर का लड़का अपना सपना पूरा करता है।भारत का सबसे मुश्किल एग्जाम यूपीएससी क्लियर करके पुलिसवाला कैसे बनता है।
गोपी कौन है
गोपी सीतापुर गांव मे रहता है गोपी के पिता का नाम गोपाल दास है और उसकी माता का नाम विमला है गोपी के पिता गांव में ही एक राशन की दुकान पर नौकरी करते हैं गोपी की माता घर में ही रहती हैं गोपी का कोई और भाई बहन नही है।
गोपी को फिल्में देखने का बड़ा शौक है गोपी को पुलिस की फिल्में देखनी बड़ी अच्छी लगती है गोपी सोचता है कि वो भी पढ़ लिखकर बड़ा होकर पुलिस ऑफिसर बनेगा गोपी के पिता यह सुनकर बड़े खुश होते हैं कि एक गरीब का बेटा भी पुलिस ऑफिसर बनेगा गोपी के पिता कहते हैं बेटा जब तक तुमको पुलिस वाला नहीं बनाऊंगा तब तक दिन रात मेहनत करूंगा भूखा प्यासा रहूंगा लेकिन तुमको पुलिस वाला बना कर रहूंगा। गोपी जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है वैसे ही सारी कक्षा पास करता जाता है।
गोपी की पढ़ाई लिखाई
गोपी बड़ा होता है दसवीं कक्षा पास करके अच्छे नंबर लाता है। गोपी दसवीं कक्षा में पहले स्थान पर आता है गोपी के घर वाले बड़े खुश होते हैं। अब गोपी को बारवी कक्षा पास करने के लिए कॉलेज जाना पड़ेगा गोपी पास की ही कॉलेज में एडमिशन के लेता है।
गोपी बारवीं कक्षा भी अच्छी नंबरों से पास कर लेता है। अब उसको पुलिस ऑफिसर बनने के लिए यूपीएससी एग्जाम देना होगा।
यह बात गोपी घर वालो से करता है की उसको अब गांव से बाहर जाना होना और वहा यूपीएससी की तयारी करनी होगी। गोपी के पिता खुस होते हैं और कहते हैं बेटा जैसे तुम चाहो करो बस एक बार पुलिस ऑफिसर बन जाओ मुझे बड़ी खुशी होगी।
गोपी यूपीएससी की पढ़ाई करता है बहुत पढ़ाई करने के बाद वो यूपीएससी का एग्जाम देता है लेकीन वो एग्जाम में पास नही हो पाता तो वो निराश होकर गांव वापिस आ जाता है।
कुछ दिन गोपी गांव में ही रहता है। गोपी के पिता उसको समझाते है बेटा हिम्मत मत हारो फिर क्या हुआ तुम पास नही हो पाए दुबारा कोशिश तो करो मैं तुम्हारे साथ हूं।
गोपी अगली बार दोबारा एग्जाम देने जाता है
इस बार गोपी अच्छे से एग्जाम देता है और रिजल्ट का इंतजार करता है।
कुछ दिन के बाद रिजल्ट आता है और गोपी पास हो जाता है गोपी यूपीएससी की ट्रेनिंग के लिए सिलेक्ट हो जाता है
गोपी की कामयाबी
गोपी ट्रेनिंग से पहले गांव जाता है। माता पिता का आशीर्वाद लेता है। उसके माता पिता बहुत खुश होते हैं। गोपी के पिता कहते हैं जाओ बेटा ट्रेनिंग लो और बड़े ऑफिसर बनो गोपी 10 दिन गांव में रहने के बाद ट्रेनिंग लेने चला जाता है।
लगभग 2 साल गोपी की ट्रेनिंग चलती है ट्रेनिंग के दौरान गोपी के बड़े अच्छे दोस्त बनते हैं।
2 साल की ट्रेनिंग के बाद गोपी का इंटरव्यू होता है जिसमें वो आईपीएस अधिकारी बनता है।
आईपीएस बनने के बाद गोपी गांव जाता है माता पिता के पास उसके पिता बड़े खुश होते हैं देखो आज मेरा बेटा पुलिस अधिकारी बन गया मैं जिंदगी में बड़ा खुश हूं कि मेरा बेटा पुलिस अधिकारी बना है।
गोपी की पोस्टिंग हरिपुर मे होती है। हरिपुर में क्राइम बहुत होता है चोरी चकारी, लूटपाट वहा आम बात जिस कारण वहा पर एक अच्छे ऑफिसर की जरूरत होती है इसीलिए गोपी को वहां पोस्टिंग मिलती है।
गोपी इमानदारी से सारा कुछ कर रहा था गोपी चोरों गुंडों से नहीं डरता था। हरिपुर के सभी चोरों गुंडों में गोपी का को खौफ फैल गया था।
कोई भी चोरी गुंडागर्दी की वारदात होती गोपी तुरंत एक्शन लेता धीरे धीरे पूरे हरीपुर में गोपी ने क्राइम खत्म कर दिया इसी तरह गोपी को तरक्की मिलती गई वो आगे बढ़ता गया