कोंडा रेड्डी पूछता है पंडित जी बताइए मुझे क्या करना होगा पंडित जी बताते हैं तुम और तुम्हारी बीवी हर शनिवार मां काली के मंदिर जाओगे नंगे पाव वहां पर तुम मां काली को फूल चढ़ाना चुनरी चढ़ाना और भंडारा करना यह तुमने तब तक करना है जब तक तुम्हारी बीवी मां नहीं बन जाती कोंडा रेड्डी बोलता है ठीक है पंडित जी कल शनिवार है मैं कल से ही उपाय शुरू करूंगा
कोंडा रेड्डी अपनी बीवी के साथ पहले शनिवार को मां काली के मंदिर जाता है वहां पर वह फूल चढ़ाते हैं चुनरी चढ़ाते हैं और भंडारा करते हैं।
लगातार 5 साल वो दोनो यह उपाय करते है।
6 साल बाद उनकी मन की मुराद पूरी हो जाती है कोंडा रेड्डी की बीवी मां बन जाती है।
जिस दिन कोंडा रेड्डी की बीवी के बच्चा होने वाला होता है उस दिन नागा पुरम गांव का मौसम बड़ा खराब होता है जोरो की बारिश हो रही होती है बिजली कड़क रही होती है।
कोंडा रेड्डी की बीवी को लडका पैदा होता है जिसका नाम वो अर्जुन रेड्डी रखते हैं। अर्जुन की देखभाल सभी बड़े प्यार से करते हैं। अर्जुन को जन्म के समय भगवान से कुछ शक्तियां मिलती हैं जिसमे अर्जुन की कान की सुनने की शक्ति बहुत तेज हो जाती है। दूसरी शक्ति में अर्जुन को बहुत बल मिलता है जिस में वो भारी से भारी चीज उठा सकता है।
लेकिन इन सब शक्तियों का अर्जुन को नहीं पता होता और ना ही अर्जुन के किसी घर वालो को अर्जुन बड़ा होता है एक दिन अर्जुन अपने दोस्तो के साथ बाहर घूमने जाता है शाम को घर आते समय रास्ते में वही काली मां का मंदिर आता है अर्जुन अपने बाकी दोस्तो को घर भेज देता है और कहता है तुम सब जाओ मैं आता हूं अर्जुन के दोस्त पूछते हैं क्या हुआ अर्जुन कहता है कुछ नहीं तुम सब लोग जाओ अर्जुन का ध्यान मंदिर की तरफ जाता है एक बार फिर नागा पुरम का मौसम बहुत खराब हो जाता है जैसे अर्जुन के जन्म के समय था भारी बारिश और बिजली कड़कने लगती है।
अर्जुन के सभी दोस्त अपने अपने घर पहुंच जाते हैं। अर्जुन के मां बाप घर में अकेले होते हैं वो अर्जुन के दोस्तों से पूछते हैं हमारा बेटा कहा है तो अर्जुन के दोस्त बोलते है वो तो रास्ते में मंदिर के पास रुक गया उसने कहा तुम जाओ मैं आता हूं और हम सब आ गए।
कोंडा रेड्डी घर आके यह सब बात अपनी बीवी को बताते हैं कोंडा रेड्डी कि बीवी कहती है मैं यही घर में रुकती हू आप जाओ अर्जुन को लेके आओ इधर कोंडा रेड्डी घर से मंदिर की तरफ़ निकलते है और उधर अर्जुन मंदिर के बाहर होता है।
तभी जोर से बिजली कड़कती है और अर्जुन के शरीर पर गिरती है। अर्जुन बेहोश होकर मंदिर के पीछे नदी के किनारे गिर जाता है कोंडा रेड्डी अर्जुन की ढूंढते हैं लेकिन अर्जुन का कुछ नहीं पता लगता वो थक हार कर घर जाता है कोंडा रेड्डी की बीवी कहती है मेरा बेटा कहा है लेकीन कोंडा रेड्डी के पास कोई जवाब नही होता दोनो बहुत रोते हैं। मौसम और भी खराब हो जाता है बड़ा भयानक तूफ़ान आता है ।
आस पड़ोस के कच्चे घर गिर जाते हैं।
फिर सुबह होती है अर्जुन नदी के किनारे होता है उसको होश आता है उसको रात का कुछ याद नहीं वो चल कर घर जाता है। इधर अर्जुन के मां बाप उदास बैठे थे तभी वो अर्जुन को देखते है और उनकी जान में जान आती है।
अर्जुन की मां उसे गले से लगाती है चूमती है और कहती है बेटा कहा चले गए थे हम बड़े परेशान थे कुछ दिन निकलते है सब सही से चलता है। एक दिन रात में अर्जुन सो रहा होता है तभी अचानक उसकी नीद खुलती है उसको एक आवाज बड़ी जोर से परेशान करती है।
अर्जुन उठता है बाहर जाता है लेकिन उसको कुछ समझ नहीं आता वो आवाज बाहर के पानी के ललकी होती है जो टप टप करती है। अर्जुन बाहर आता है वह नलबंद करता है फिर अंदर जाकर सो जाता है तब फिर से उसको एक आवाज आती है वो फिर बाहर आता है इस बार यह आवाज हवा की होती है।
अर्जुन को समझ नहीं आता यह क्या हो रहा है उसको पक्षियों की पंछियों की हवा की पेड़ पौधों की सब की आवाजें सुनाई देने लगती है उसको बड़ा गुस्सा आता है वो कमरे में आकर जोर से दीवार को लात मारता है और दीवार में दरार आ जाती है यह देख कर अर्जुन हैरान हो जाता है हे भगवान यह क्या है।
यह सब अर्जुन के चाचा का लड़का देख लेता है
वो अर्जुन से छोटा होता है अगले दिन सुबह अर्जुन का भाई बोलता है तुम में जादुई शक्तियां है भाई मैने रात में देखा तुम्हें कैसे बाहर की आवाजें सुनाई दे रही थी और तुमने जो दीवार पर लात मारी उससे दीवार पर दरार आ गई वो भी मैंने देखा है भाई तेरे में जादुई शक्तियां है।
तब अर्जुन को याद आता है जो कुछ दिन पहले मंदिर के पास मेरे ऊपर बिजली गिरी थीं यह शक्तियां उसी से आई है। अर्जुन अपनी शक्तियों को समझता है। अर्जुन के इलावा यह बिजली नागा पुरम गांव के एक और व्यक्ति पर गिरी थी जिसका नाम बुंदेला है । वो एक चोर शराबी है बुंदेला बहुत ही चोरियां करता है उसके हाथ ऐसी शक्ति लगना मतलब बर्बादी बुंदेला एक दिन शराब के नशे में घर पहुंचता है और सो जाता है सुबह-सुबह बुंदेला की नींद खुलती है उसके हाथ कांपते उसकी हाथों की वजह से उसके कमरे में पड़े बर्तन हिलने लग जाते हैं वह यह देखकर हैरान हो जाता है की यह क्या हो रहा है वो अपने हाथ ऊपर करता है बर्तन हिलने लग जाते हैं नीचे करता है बर्तन हिलने बंद हो जाते हैं।
बुंदेला भी समझ जाता है कि जो बिजली उस दिन मेरे ऊपर गिरी थी यह उसी का असर है बुंदेला पास की हलवाई की दुकान पर जाता है वहां वह अपने हाथों की मदद से हलवाई को उठाकर फेंक देता है और सारा पैसा चुरा लेता है और हलवाई को धमकी देता है अगर तूने किसी को कुछ बताया तो मैं तुम्हें मार दूंगा हलवाई डर की वजह से किसी से कुछ नहीं कहता।
अगले दिन बुंदेला कपड़े की दुकान पर जाता है वहां पर वह अपने हाथों की शक्तियों की मदद से
कपड़ों की दुकान लूट लेता है सारा पैसा लूट लेता है।
दिन प्रतिदिन नागा पुरम गांव में चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही थी लेकिन कोई भी मुंह नहीं खोल रहा था 1 दिन बुंदेला का सामना कैसे होता है अर्जुन बुंदेला को देख लेता है चोरी करते हुए अर्जुन और बुंदेला के बीच बड़ी लड़ाई होती है बुंदेला वहां से भाग जाता है।
10 दिन बाद गांव में मेला होता है सारागांव वहां इकट्ठा होता है बुंदेला एक प्लान बनाता है जिसमें वह पूरे गांव को मारने का सोचता है बुंदेला यह प्लान बनाता है कि वह मेले में आए खाने पीने वाली चीजों में लगने वाले सिलेंडरों में आग लगा देगा इससे पूरा गांव खत्म हो जाएगा।
मेले का दिन होता है सब कुछ सही चल रहा होता है बुंदेला इंतजार कर रहा होता है कि कब सही टाइम आएगा और सारे सिलेंडरों को आग लगा देगा। बुंदेला अपने हाथों की मदद से मेले में मौजूद सभी ठेले वालों के सिलेंडरों की पाइप खोल देता है और तुरंत पूरे मेले में आग लग जाती है सभी लोग हैरान परेशान हो जाते हैं इधर-उधर दौड़ने लगते हैं कुछ बूढ़े बुजुर्ग गिर जाते हैं जिन्हें उनके परिवार वाले संभालते हैं माता पिता अपने बच्चों को लेकर इधर-उधर दौड़ते हैं लेकिन चारों और आग ही आग है अब कोई करे तो करे क्या तब सभी लोग काली माता के आगे प्रार्थना करते हैं हे माता हमें बचाओ तब वहां अर्जुन पहुंचता है अर्जुन पास की नदी से अपनी शक्तियों की मदद से नदी का पानी उछालता है
अर्जुन अपनी शक्तियों की मदद से नदी का पानी बरसात में बदल देता है और मेले में जो आग लगी है उसको बुझाता है फिर बुंदेला और अर्जुन में लड़ाई होती है दोनों आपस में लड़ते हैं दोनों में बड़ी शक्ति होती है काफी देर तक लड़ाई चलती है और आखिर में बुंदेला हार जाता है वह मर जाता है और अर्जुन गांव को बचा लेता है और सबको अर्जुन की शक्तियों का पता लग जाता है
वहां पर पंडित जी भी मौजूद होते हैं वह कहते हैं यह सब कोंडा रेड्डी और उसकी पत्नी की भक्ति का नतीजा है जो यह अर्जुन पैदा हुआ जिसमें दिव्य शक्ति हैं सभी बड़े खुश होते हैं और फिर कोई भी गांव में मुसीबत आती थी तो अर्जुन ठीक कर देता था।